Swarth

Jan 28, 2017, 01:37 PM

‘‘स्वार्थ’’- समाज में स्वार्थ गर्हित है किन्तु स्वार्थ का विशुद्ध अर्थ स्वयं का अर्थ अर्थात् स्व-स्वरूप की जागृति तथा उसकी उपलब्धि है।

#Kabir #Mira #Sadhguru