वारदात: ...और रो पड़े आतंकवादी !
Episode 78, Apr 20, 2017, 06:45 PM
वक्त का पहिया हमेशा घूमता है. ज़ुल्म की मुद्दत ज्यादा लंबी नहीं होती. एक वक्त था जब वो दूसरों पर जुल्म ढहाते थे. और अब एक वक्त ये है कि खुद रो रहे हैं. रो रहे हैं अपनी बर्बादी पर, अपनी हार पर और सामने खड़ी अपनी मौत पर. मोसूल में जारी जंग के दौरान जैसे ही आईएसआईएस के आतंकवादी इराकी फौज से खुद को घिरा पाते हैं अचानक इमोशनल ड्रामा शुरू कर देते हैं. गिड़गिड़ाते हैं, सड़कों पर लोटने लगते हैं और फिर बेतहाशा रोने लगते हैं.