मिर्जा गालिब: जिसकी शायरी में जिंदगी अपना फलसफा ढूंढती है
Dec 26, 2017, 10:45 AM
गालिब सिर्फ एक नाम नहीं पूरी कायनात है जिसमें उर्दू और फारसी जबान अपनी तमाम नजाकत, नफासत, कैफियत, शिद्दत, इश्क-ओ-मुहब्बत, पेचीदगी, रोमांस और सूफीज्म के साथ इठलाती घूमती हैं.