महिला दिवस स्पेशल : शीशे की चप्पलें या शीशे की छत?

Episode 7,   Mar 06, 2018, 01:38 PM

हमे शुरू से बताया गया, हर सफल आदमी के पीछे एक औरत होती है. लेकिन ज्यादातर महिलाएंअपनी सफलता के साथ अकेली रह जाती हैं. यही नहीं उनकी सफलता का पीछा करतीं चलती हैं, कई असंतुष्टियां और आहत अहम, और चलते हैं उसके छोड़े अधूरे काम जिन्हें वो चाहकर भी पूरा नहीं कर सकती. इस तरह कामयाब औरत अपनी कामयाबी को भी बोझ कर तरह ढोती चली जाती है.

महिला दिवस पर सुनिए शिल्पी झा का ये खास आर्टिकल.