सिनेमाघरों में हो रही है विज्ञापनों की भरमार
विज्ञापनों की भरमार की वजह से मल्टीप्लेक्स में फिल्मों का तय समय से काफी देर से शुरू होना अब काफी आम हो चला है. फिल्म जितने बड़े बजट की होगी, विज्ञापन उतने ही लंबे चलेंगे. बड़े बजट की फिल्मों जैसे ‘टाइगर जिंदा है’ और ‘पद्मावत’ के साथ 200 से ज्यादा ब्रांड सिनेमाघरों से जुड़े. सिनेमाघर के विज्ञापन हाल के सालों तक केवल स्थानीय व्यापारियों और दुकानों तक सीमित थे.
मल्टीप्लेक्स कल्चर ने सिनेमा स्क्रीनिंग के व्यवसाय को काफी हद तक संगठित करने के अलावा इस माध्यम को लेकर विज्ञापन कंपनियों में जागरूकता भी बढ़ा दी. सिनेमाघरों के भीतर विज्ञापन दिखाकर अपनी बड़ी पहचान बनाने वाले ब्रांडों की सफलता ने भी कंपनियों का उत्साह बढ़ाया है.
दूसरी वजह ये है कि अभी भी टीवी चैनलों और अखबारों के मुकाबले सिनेमाघरों में विज्ञापन की दर बेहद कम है और यहां दिखाए जाने वाले विज्ञापन फिल्में काफी लंबी भी होती हैं.