सिगरेट-शराब, गाली, मल्टिपल रिलेशनशिप और वीमेन एम्पावरमेंट
लड़की बिंदास मानी जाएगी, अगर वह मुंह खोलकर गालियां देती है. गांव की औरत का गाली देना गंवारपन है, लेकिन शहरी खाती-पीती पढ़ी -लिखी कई लड़कियों के लिए यह टशन है, स्टाइल है. ऐसी गालियां देतीं औरतें अक्सर यह भी ध्यान नहीं देतीं कि ये गालियां औरतों की देह और उनके अंगों को केंद्र में रखकर पुरुषों ने बनाई हैं. चूंकि जेंडर न्यूट्रल गालियां नहीं हैं, इसलिए अगर गालियां देनी हैं तो आपके लिए सिर्फ ऐसी ही गालियां मौजूद हैं, जिनमें निशाने पर औरतों की देह है. पुरुष अगर गाली देता है तो महिलाएं भी ऐसा कर सकती हैं. गुस्से की अभिव्यक्ति अगर गाली से होती है, तो महिलाएं भी गाली क्यों न दें? अगर यह बुरा है तो उतना ही बुरा है, जितना पुरुषों का गाली देना. समस्या सिर्फ यह है कि पुरुषों की देह को केंद्र में रखकर गालियां बनाई नहीं गई हैं.