गोपालदास नीरज | फूलों के रंग और दिल की कलम से गीत लिखने वाला सदाबहार कवि
70 के दशक में मुशायरों से लेकर फिल्मी गानों तक साहिर लुधियानवी, मजरूह सुल्तानपुरी, कैफी आजमी, निदा फाजली जैसे दिग्गज शायरों का वर्चस्व था. उस जमाने में गोपालदास नीरज ने कवि सम्मेलनों को जिंदा करने के साथ फिल्मी गानों के जरिये हिंदी साहित्य को लोकप्रिय बनाया.
उनका गीत रंगीला रे देवानंद का लाइफटाइम पसंदीदा गाना था. प्रेम पुजारी के गाने सुपहिट रहे. इसके बाद नीरज के गीत काला पानी, तेरे घर के सामने, गैम्बलर, रेशम की डोर जैसी कई फिल्मों के हिट होने की वजह बने.
लोग कहते हैं नीरज को पद्म श्री (1991), पद्म भूषण (2007) समेत कई पुरुस्कारों से नवाजा गया. लेकिन मुझे तो लगता है कि उन पुरुस्कारों को नीरज से नवाजा गया.