मातृत्व और करियर में अभी भी छत्तीस का आंकड़ा क्यों है?
मां के लिए देवी और करुणा की मूर्ति जैसी भारी भरकम और गैर जरूरी उपमाएं अगर दरकिनार भी कर दें, तब भी मातृत्व किसी भी स्त्री के लिए बहुत सुखद और परिपूर्ण करने वाला अनुभव होता है. ये औरतों के जीवन की धारा बदल देने वाला पड़ाव भी होता है. हालांकि पिछली कुछ पीढ़ियों से विज्ञान ने औरतों के लिए मां बनने को वैकल्पिक बना दिया है, लेकिन चूंकि व्यक्तिगत और सामाजिक सोच में इस तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ, इसलिए देर से ही सही, शादी के बाद बच्चे, ज्यादातर औरतों के लिए फैसले की तर्कसगंत कड़ी होते हैं.