मौजूदा चुनाव और भोजपुरी का सम्मान, फिर कहीं ‘लॉलीपॉप कल्चर’ हावी ना हो जाये
आखिरी चरण का लोकसभा चुनाव भोजपुरी भाषा की अस्मिता और मान सम्मान के लिए काफी अहम होगा. इस बार बीजेपी ने भोजपुरी कलाकारों को थोक के भाव में उतार दिया है लेकिन डर इस बात का है कि 'भोजपुरी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलवाने’ के आन्दोलन के नाम पर कहीं हमेशा की तरह ‘लॉलीपॉप कल्चर” फिर हावी ना हो जाये. मैं यह बात साफ कर देना चाहती हूं की मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ जैसे भोजपुरी कलाकारों को चुनावी मैदान में उतारने से भोजपुरी भाषा को सम्मान नहीं मिलेगा.