जेएनयू की बात जनता तक पहुंचती भी है?
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देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार ज़मानत मिलने के बाद गुरुवार को जेल से निकलकर जेएनयू पहुंचे तो उनकी रिहाई का मार्च कई मायनों में अलग था. इस मार्च पर कहीं न कहीं हाई कोर्ट के आदेश की छाप भी थी और मीडिया ट्रायल का खौफ़ भी. साथ ही ऐसे लोगों का जुड़ाव भी जो आम तौर पर ऐसे मार्चों में शायद ही कभी शिरकत करते हों. बीबीसी संवाददाता सुशील झा ने जेएनयू में कई छात्रों से बात की - तिरंगे के साथ हुआ जेएनयू में मार्च http://bbc.in/1TW90m9