यादें भूपेश गुप्त की
जब भारतीय संसद के सबसे काबिल और तेज़ तर्रार सांसदो की चर्चा होती है तो उसमें भूपेश गुप्ता का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है. वो उन्नीस सौ बावन 1952 में पहली बार राज्य सभा के लिए चुने गए और लागातार 29 वर्षों तक उस सदन के सदस्य रहे. उनके राजनीतिक विरोधी भी उनके वाक चार्तुय और किसी भी मुद्दे पर सदन और सरकार को झकझोर देने की क्षमता का सम्मान करते थे. उनकी 102वी जयंती पर उनके जीवन से जुड़े कुछ प्रसंगों को याद कर रहे हैं रेहान फजल आज की विवेचना में.