करुणानिधि का पूरा राजनीतिक सफर, इस कारण हमेशा पहनते हैं पीला वस्त्र ! karunanidhi
करुणानिधि ने तमिल फिल्म उद्योग में एक पटकथा लेखक के रूप में अपने करियर का शुभारंभ किया था। लेकिन अपनी बुद्धि और भाषण कौशल के माध्यम से वे बहुत जल्द एक राजनेता बन गए। जस्टिस पार्टी के अलगिरिस्वामी के एक भाषण से प्रेरित होकर उन्होंने महज 14 साल की उम्र में राजनीति में प्रवेश किया था और तब से लेकर अब तक वो तमिलनाडु की राजनीति में बने हुए हैं। एक बुद्धिजीवी होने के बावजूद बृहस्पति ग्रह शान्ति के लिए वो हमेशा पीला वस्त्र पहनते हैं। 94 वर्षीय करुणानिधि अपने 60 साल के राजनीतिक करियर में पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह पहली बार साल 1957 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए चुने गए थे और वर्ष 1969 में तत्कालीन डीएमके अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अन्नादुरई की मौत के बाद मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद साल 1971, 1989, 1996 और 2006 में भी वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। अपने पूरे राजनीतिक काल में उन्होंने अपनी भागीदारी वाले हर चुनाव में अपनी सीट जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। ऐसा करने वाले वह देश के इकलौते नेता हैं। प्रतिबंधित संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी एलटीटीई के साथ संबंधों को लेकर भी करुणानिधि चर्चा में रहे हैं। ये वहीं संगठन है जिसने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या करवाई थी। करुणानिधि पर एलटीटीई को बढ़ावा देने का आरोप लगा था। यह आरोप राजीव गांधी की हत्या की जांच करने वाले जस्टिस जैन कमीशन की रिपोर्ट में लगाया गया था। अप्रैल 2009 में करुणानिधि ने एक विवादास्पद बयान देकर इस मामले को और तूल दे दिया था। उन्होंने कहा था 'एलटीटीई चीफ प्रभाकरण मेरा अच्छा दोस्त है।' हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि राजीव गांधी की हत्या के लिए भारत एलटीटीई को कभी माफ नहीं कर सकता।