10 एजेंसियों को जासूसी के आदेश देने पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

Episode 277,   Dec 22, 2018, 07:54 AM

केंद्र सरकार ने देश की प्रमुख 10 एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति या संस्थान के कंप्यूटर का डाटा खंगालने का अधिकार दे दिया है. 20 दिसंबर 2018 को गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रमुख जांच एजेंसियों को यह अधिकार देने की बात कही गई है. इन एजेंसियों को ये अधिकार होगा कि वे इंटरसेप्शन, मॉनिटरिंग और डिक्रिप्शन के मकसद से किसी भी कंप्यूटर का डाटा खंगाल सकें. ये पहली बार है जब कई एजेंसियों को ऐसे अधिकार दिए गए हैं. नोटिफिकेशन के अनुसार सब्सक्राइबर, सर्विस प्रवाइडर या किसी व्यक्ति को इन एजेंसियों को टेक्निकल एसिस्टेंट मुहैया करानी होगी. ऐसा नहीं करने पर 7 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है.केंद्र के इस फैसले की विपक्ष ने आलोचना शुरू कर दी है. कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल ने कहा कि सरकार का यह फैसला सही नहीं है इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है. वहीं एनसीपी लीडर माजिद मेमन ने कहा कि यह आम लोगों की निजता में दखल है. आखिर कैसे कोई भी एजेंसी किसी के भी घर में घुसकर उनके कंप्यूटर डेटा की जांच कर सकती है.

दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी के नारे की तर्ज पर ही अटैक करते हुए कहा कि अबकी बार, निजता पर वार. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है, ‘केंद्र सरकार ने महज एक सामान्य से सरकारी आदेश के जरिए देश में सभी कंप्यूटर की जासूसी का आदेश दे दिया है. 1984 में आपका स्वागत है.